Author: जुझार सिंह (Page 3)

हम्मीर देव चौहान :- एक वीर योध्दा

16 युद्धों का विजयवैजयन्ती , कोटियजन यज्ञ करवाया था
जलाउद्दीन भी मुंह की खाये, ऐसा हमीर मतवाला था

रणथंबोर का प्रतापी शासक, जैत्र का दुलारा था
हीरा देवी का वीर सपूत वो , जनता का तारा था
ऐसा गजब का वो हम्मीर हठ वाला था

कई युद्ध में रितु को खेत किया किया खेत किया किया मैदानों में
जिनकी ख्याति पढ़ी जाती है,

Read More
अपनों का एहसास महामारी में

✍🏻 अपनो का अहसास महामारी में✍🏻

मैं ऐसा बनावटी दुनिया में फंसा
आपनो को भूल दूसरो को चाहने लगा |

दूरी थी मां के कर निवाले से
दूरीया ही बन गई थी प्रथम आले से |

जिस जगह से उब गया था इस कदर
ना ही अपने प्रिय लगते मैं था दर-बदर |

घर मे पहले बोर होने लगाता था
मन अपनो को छोड़ परायेपन में खुश रहने लगाता था |

शहरी संस्कृति हावी हो गयी थी
अपनो की बाते कांटो सी हो गयी थी |

उनके पास बैठना भी बुरा लगता था
मेरा मन परायो को अपना बैठा था |

जब पापा की हर बात कांटो सी लगती थी
माँ का बुलाना बेहूदा हरकत लगती थी |

मै फोन की रहस्यमयी दुनिया में खोता गया
माँ –

Read More
तुम्हारा मैसेज आया है

अलग सा मिजाज बन गया था आप बिन बिन में
हर पल को काटना मुश्किल था। बिन बिन अकेले में

मेरी मायूसी भी ऐसी छाई छाई है
हर तरफ मुझे अपनी ही नजर ही नजर आती है

अचानक यह खमोशी टूटती हैं
मेरे दिल में सन्नाटे की धारा टूटती हैं

दिल की खमोशी ने नया गीत गाया है
आज तुम्हारा मैसेज आया है

तेरा सुंदरी ऐसा जो दिख रहा बानी-ठानी में की
लाकडाउन में जगह मिल जाए गाड़ी में

तेरी आवाज से मेरा रोम रोम जाग उठा जैसे
तेरा बात करने से होइमुई जैसे

आज जीवन में फिर खुशियों का सूरज फिर खुशियों का सूरज आया है
हां हा जिंदगी तुम्हारा मैसेज आया है

पता है बसंत की पहली सुबह को को सुबह में पहली सुबह को कोतेल को लिख दिया गया है
“सृजन”

Read More
X
×