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- By जुझार सिंह
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- Poetry
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16 युद्धों का विजयवैजयन्ती , कोटियजन यज्ञ करवाया था
जलाउद्दीन भी मुंह की खाये, ऐसा हमीर मतवाला था
रणथंबोर का प्रतापी शासक, जैत्र का दुलारा था
हीरा देवी का वीर सपूत वो , जनता का तारा था
ऐसा गजब का वो हम्मीर हठ वाला था
कई युद्ध में रितु को खेत किया किया खेत किया किया मैदानों में
जिनकी ख्याति पढ़ी जाती है,