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- By Ashish Anand Arya "Ichchhit"
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- Short Story
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सच में, वो तो बस मज़ाक ही तो कर रहा था!
जैसे सब मज़ाक-मज़ाक में उसे चिढ़ाते थे, उसने भी मज़ाक ही तो किया था। मज़ाक भी क्या, बस एक बात ही तो कही थी कि अगर जो जहाज से कोई इस खुले समन्दर में गिर पड़ा, फिर न किसी के बस की बात।
सबके सामने वो दावा ठोंककर आया था कि पूरी नेवी के सारे डाइवर, सारी बोट्स, सारे दिखावे सब के सब धरे रह जाने वाले हैं,