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वक्त

ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ ,

वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ,

वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ ,

अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ!

 

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एनकाउंटर : क्या वक्त आ गया है पुलिस रिफॉर्म में पर फैसला लेने का

बीते दिनों कानपुर के बेटवा गांव में घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके बाद फरार हुए हमले का गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग के तकरीबन 5 सदस्यों को पुलिस में एक-एक करके एनकाउंटर में ढेर कर दिया। एक बड़े पैमाने का मानना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी , जांच ,चार्जशीट और अदालती कार्यवाही जैसी प्रक्रियाओं को अपनाने के बजाय पुलिस ने खुद ही इस का बीड़ा उठाकर विकास दुबे को दंड दे दिया।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून के शासन का उल्लंघन है । बहरहाल किसी अपराधी का एनकाउंटर कितना न्याय संगत और संवैधानिक नियमों के अनुकूल है इस पर फिर से बहस का दौर जारी हो गया है ।

गिरफ्तार करने के बाद की प्रक्रिया

गिरफ्तारी की प्रक्रिया के अनुसार कानून कहता है कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस को न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की प्रक्रिया है उसके बाद मजिस्ट्रेट उसे पुलिस रिमांड देती है या न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए दिया जाता है ।

गौरतलब यह है कि विकास दुबे की गिरफ्तारी करने के बाद पुलिस उसे ना मजिस्ट्रेट के सामने ले गई और ना ही उसके हाथों में हथकड़ी पहनाई । साथ ही जब गाड़ी कानपुर के पास से गुजर रही थी तब दुर्घटना में पलट गई ,

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वक्त

तकाजा वक्त को है

गुजर जाने का

मेरा क्या है मेरी तो सांसे है

जो मेरी जिंदगी की उम्र के

ठहराव पर आकर खत्म हो जायेेगी

और रह जायेगी सिर्फ मेरी यादें

 

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वक़्त

वक़्त को रोकना चाहते थे परंतु इस वक्त ने,

हमें ही इस कदर रोक दिया कि हम अपने घर में ही रहने पर मज़बूर हो गए !!!

लोग एक-दूसरे से बात करने को तरस गए…

इस वक़्त में कई मासूम बच्चों से उनके माता-पिता दूर हो गए तो कई माता-पिता से उनके बच्चे दूर हो गए !!!

आए तो थे गाँव से शहर में काम करके पैसे कमाने,

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वक्त नही चला मेरा

वक्त नही चला मेरा
इंसान ने मुझे छला
क्या बिगाड़ा इंसान का
क्या मिला मुझे इंसान
हर बार जख्म दिया तूने
मेने प्यार दिया तुजे
बच्चे की तरह प्यार दिया
आज मेरा आंचल सकंट में
क्या मैंने गुनाह किया
मत ले परीक्षा धैर्य की
मेरे गुस्सा पार होगा
माँ बेटे के प्यार का
लिहाज करले आज तू
नही माना तो डांट भी दू
हर पल सुख दूँगी तुजे
मेरा भी रखना ख्याल
आओ आगे बढ़े हम
हरियाली होगी तभी
जीवन में खुशहाली होगी
तू मुझे निहारेगा क्या प्रभात होगी
नई नई किरण रौशनी की होगी
एक बात तेरी मेरी होगी
यही प्रकृति प्यारी होगी ।।

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