Poetry

ସାହିତ୍ୟ

ସମାଜର ଐକ୍ୟ ପ୍ରତିଷ୍ଠା କରେ “ସାହିତ୍ୟ”,

ଭାଷାକୁ ମାର୍ଜିତ କରି ଦିଏ ଉଚିତ ତଥ୍ୟ,

ବଢିଚାଲେ ସମାଜରେ ଯେବେ ଯେବେ ଦୁର୍ନୀତି,

“ସାହିତ୍ୟ” ସାଜେ ଆମ୍ଭର ପରମସଖୀ ।୧।

ସମାଜର ଆଦର ଅଭ୍ୟର୍ଥନାରେ ସାହିତ୍ୟ ବିକାଶ,

ସାହିତ୍ୟର ସୁଗନ୍ଧେ ଚହକେ ଆଜି ଚଉପାଶ,

ସାହିତ୍ୟ ସାଜିଛି ଆଜି ସମାଜର ମୁକୁର ସଦୃଶ,

ଅନ୍ତର୍ନିହିତ ଗୁଣର କରେ ସେ ପ୍ରକାଶ ।୨।

ସାହିତ୍ୟ ସାଧନାରେ ଆଜି ସଭିଙ୍କ ପ୍ରଗତି,

ବିକାଶ ପଥରେ ଆଜି ସାହିତ୍ୟର ଅଗ୍ରଗତି,

ଜୀବନରେ ସାହିତ୍ୟ ଦର୍ପଣ ଭଳି,

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ସ୍ଵାଧୀନ ଭୂମିର ସୁବର୍ଣ୍ଣ ଇତିହାସ

ଦାରୁଣ ଯନ୍ତ୍ରଣା ସହ ନିଷ୍ପେସିତ ମନ,

ପରାଧିନତା ଛଡାଇ ନେଇଥିଲା ଦୈତ୍ରକେତନ,

ଲହୁ ଲୁହା ବକ୍ଷ ସହ ରକ୍ତପାତ ଭୂମି,

ଅକ୍ତିୟାର କଲେ ବ୍ରିଟିଶ ସ୍ଵର୍ଣ୍ଣ ଜନ୍ମଭୂମି |

କେତେ ଯେ କାରାବରଣ କେତେ ଯେ ଯାତନା,

ତଥାପି ମନେଇଥିଲା ସ୍ଵାଧୀନତାର ଭାବନା,

ଯୋଗ ଜନ୍ମା ବୀରପୁରୁଷ ଆହ୍ଵାନ ଦେଲେ,

ଅହିଂସା ମନ୍ତ୍ରକୁ ପରମ ଶସ୍ତ୍ର କଲେ |

ଆତ୍ମୋତ୍ସର୍ଗ କଲେ ଦେଶପ୍ରେମୀ ବନ୍ଧୁକଗୁଳିର ମୁନରେ,

ସ୍ଵାଧୀନତାର ଯଶୋଗାଥା ଲେଖିଲେ ସ୍ବର୍ଣ୍ଣାକ୍ଷରରେ,

ବୀରଭୂମିର ବୀରଗାଥା ସାହସ ଦେଲା ସଭିଙ୍କୁ,

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Pride Rider : A Boy

When a boy
Have to drive a scooter
He only knows
What he expresses himself!

Loudly loud bullet
He also likes a lot,
Splendid sports bike
He too aspired to be,
When people from side to side
With their motorcycles go beyond him
With the speed ​​of even less than a hundred cc
He also had a pain in his mind,

Amid Lightning-fast stacks of motorbikes
From the sight of girls trampling him
He also has great vibrancy,

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!! चाय-बिस्कुट वाली शाम… !

 

पूरे दिन की सिरदर्दी बाद
चाय और बिस्कुट की शाम!
संग तुम्हारे बैठ बतियातीं
मुझसे मेरी ख्वाहिशें तमाम!

उँगलियों की अठखेलियों से
माथे की तह में पलता सुकून,
दिनभर कैसे चलीं दूरियाँ
सोचता मैं तुमसे ज्यादा हैराँ!

खनखनाती खुश कलाइयों के
प्यार की कैद में यूँ महफूज़…
होठों पर गुनगुनी सी चुस्की
आँखों में खूब ढेर ईत्मीनान!

रूपये के रिवाज से मन गुस्सा
ये रोज-रोज का कैसा काम?

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!! नेह-पंखों की उड़ान !!

जब नेह ने पंख पसारे
प्रिय तुम मेरे ही थे सारे!
चित्तवत सुंदर वदन सलोना
ध्येय हुए अतुलित सब न्यारे!
जीवन की चंचल माया के अजब अद्भुत सहारे!

सिमटकर अंक के मोहक रंग में
किलकारी ने रूदन छंद वारे…
बालपन वाले दंभ को जीकर
नितांत सुख संभव संचारे!
जीवन की चंचल माया के अजब अनुपम सहारे!

तीर आयु-वेग के जी-भर चले
यूँ जले समर्थ रंग पखारे!

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मेरे अल्फ़ाज़

आजकल मन का मिजाज

कुछ ऐसा हो गया है

ना ही किसी से रूठता है,

ओ ना ही किसी से खुश होता है।

 

 

 

 

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सवाल

किसी के सवालों का इस तरह जवाब  दो ,

कि फिर वो सवाल ही न करें |

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Selcouth feelings

It isn’t a cliche poem to start with,
But a concoction of feelings that demands to be revealed.
The seraphic smile that induces euphoria everytime
Gives a way to the land of copious colors, all divine.
The set of eyes that gets interlocked for a second,
Pours plethora of happiness into every vein.
Strange how everything finds their way out to you,
And even stranger when they rush towards you without any clue.

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इस्तमाल

सभी लोगों ने अपने हिसाब से

इस्तमाल किया मुझे

और हम इस गलत फहमी में

जी रहे थे कि सब लोग मुझे

पसंद  करते हैं।

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ख्याल

🤴 तुझे लेकर  मेरा ख्याल कभी नहीं

बदलेगा,

कि तुझे लेकर मेरा ख्याल कभी नहीं बदलेगा

लेकिन दिन और साल तो कई बदलेगा ,

पर तुम्हारे लिए मेरा प्यार कभी नही बदलेगा!

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