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आजकल लोग प्रेम नहीं
बातें प्रेम की करते हैं
दूरी रखते हैं
रिश्तों की आहटों से भी
लेकिन बात रिश्तों के निभाने की करते हैं
लगाते हैं कीमत खुशियों की
लेकिन चंद स्वार्थों में खुशियां गंवाते
फिरते है
पता है जिंदगी मौत पर
आकर खुद रूकेंगी
लेकिन फिर भी मौत के नाम से डरते है
हम तो बेहिसाब प्रेम दिल में
भरे बैठे हैं तुम्हारा
फिर भी इजहार कर देने के नाम से डरते हैं