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तुम हो शिव का गहना,
रहते उनके पास ,
सदा कंठ में लिपटे रहते ,
और मनवा ते अपनी बात।
विष्णु के तुम शय्या,
रहते विष्णु सदेव तोहरे पास।
समय परी जब सबको,
तब समुद्र मंथन में साथ
निभाया
डोल रही धरती का तू ने अपने माथे भार उठाया ।
कष्ट हरो है कष्ट हरो
हे सर्पों के देवता,
नाग देवता आओ तुम विश्व का कल्याण करो ।
हर विष को पी लो अब तुम विश्व की रक्षा करो ।
विश्व की रक्षा करो ।
नाग पंचमी की हार्दिक बधाई
अनामिका अमिताभ गौरव ✍️