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इस्कूल री बात
राम राम सा !!
आजकाल इस्कूल भोत बदळीजग्या । टाबर भी एकदम छोटा छोटा इस्कूल जावै और मास्टरां गी जग्यां फूटरी फूटरी मैडम हुवै ।
म्हारै जमाने में आठवीं मैं भी दाढ़ी मूंछ हाळा इस्टूडेंट हुँवता …..दसवीं मै तो दो तीन टाबरां गा माईत भी पढ़ाई करता ।
और मास्टर गी तो पूछो मत ….धोती और खद्दर गो चोळो , एक एक बिलांत गी मूंछ ….जाणै जल्लाद है । ऊपर स्युं हाथ मै तेल स्युं चोपडेड़ो डंडो !!!