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Part 1: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/05/30/shakti-punj-acharya-adag
Part 2: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/02/shakti-punj-acharya-adag2
Part 3: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/06/shakti-punj-aur-acharya-adag-part3
Part 4: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/07/shakti-punj-and-acharya-adag-4
पिछले खण्ड से आगे… PART-5 :-
उस अजनबी व्यक्ति के सामने इस वक़्त दो लोग खड़े थे। दोनों ही व्यक्ति ऐसे थे, जिनके ताकतवर प्रहारों के कुठाराघाती असर को इस अजनबी ने कुछ घड़ी पहले ही तो महसूस किया था। सामने खड़े इन दोनों लोगों को देखते ही वो एकदम से सहम गया। भीतर पनपे इस यकायक डर के असर से हड़बड़ा कर वो तुरन्त ही अपनी जगह से उठा और दौड़कर इधर-उधर भागने लगा। वो छिपने के लिये कोई कोना तलाशने की कोशिश कर रहा था। युवक की उस घबराहट को देख आचार्य चेहरे पर तैरती बड़ी शान्ति के भाव के साथ गम्भीर स्वर में बोले-
‘‘यहाँ तुम्हें किसी से डरने की कोई जरूरत नहीं।”