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फरियाद को महज
फरियाद मानकर
मत ठुकराना
तुम तक पहुंचते-पहुंचते
ना जाने कितने दुखद सुखद
अहसासों के समंदर में डूबी निकली होगी
उसमें शामिल होती है
ईश्वर की दुआ
धड़कनों की आहट
आसूंओं के साथ बनाई होती है
उसको पूरी करने की इच्छा
वो फरियाद ही है जो तुम्हें
ईश्वर समान मान तुम्हारे सामने
पूरी होने को आतुर
हाजिर होती है
ना कर सको पूरी तो
बिना मजाक करें
मांग लिया करो माफी