Posts tagged “father”

ਬਾਪੂ (Baapu)

ਬਾਪੂ ਤੇਰੀ ਉੰਗਲੀ ਫਡ ਫਿਰ ਤੋ ਉਡਨਾ ਚਾਹੁਨਾਂ ਹਾ ।
ਮੂੜ ਆਜਾ ਵਾਪਸ ਇਹਨਾਂ ਤੂੱ ਕਿਉ ਸਤਾਉਨਾ ਹੈ ।।
ਕੀ ਹੋਇ ਮੇਥੋ ਗਲਤਿ ਵੇ ਤੂ ਐ ਸਮਝਾ ਜਾ ਵੇ ।
ਮੂੜ ਕਿਓ ਨੀ ਆਓਂਦਾ ਕੁਝ ਤਾ ਮੈਂਨੂੰ ਬਤਾ ਜਾ ਵੇ ।। १ ।।

ਕੱਲ੍ਹਾ ਕੱਲ੍ਹਾ ਹਾਂ ਸਭ ਕੁਝ ਖਾਲੀ ਖਾਲੀ ਐ ।
ਮੈ ਬੂੱਟਾ ਤੇਰੇ ਬਾਗਾਂ ਦਾ,

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पिता

शीर्षक- पिता

पिता क्या है

नीम का पेड़ है
“पिता”
जरूरत पडने पर छाया ओर औषधि दोनों है
“पिता”
माँ के लाड़ दुलार का कवच है
“पिता”
खुद पर निर्भर रख कर भी हमे आत्मनिर्भर बना देते है
“पिता”
मोम से हदय रख कर भी भीम शिलालेख हैं
“पिता”
ओर हमारे सुनहरे भविष्य का आलेख हैं
“पिता”
बरगत की जडे जैसे परिवार की सृष्टि है

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पापा
  • By हेमंत यादव
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ना जाने
खामोशी से प्यार करते हुए
दर्द को बयां ना करते हुए
कैसे अपनी जिंदगी
अपने बच्चों के सपनों को
पूरा करते-करते निकाल देता है
वो पिता
उसकी आंखों में साफ़ नज़र आती हैं
बच्चों के सपने की चमक
दर्द से आने वाले
आसूंओं को कहीं रोक लेता है
बीच में रास्ते में ही
इस डर से कि
बह ना जाए
उसके बच्चों के सपने

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आखिरकार बाप हूँ
  • By Ashish Anand Arya "Ichchhit"
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पता है
बेटा अब बड़ा हो चुका है…
नौकरी लग चुकी है
पैरों पर अपने खड़ा हो चुका है,
अब तो वो
रूपये भी कमाता है,
जिम्मेदार है
सब कुछ उसे आता है,
पर कैसे भूल जाऊँ भला
है तो वो बेटा ही!

ज़िंदगी भर ही सिखाया
तो क्या अब नहीं सिखा सकते?
जो कभी जता नहीं पाये
क्या अब नहीं बता सकते?

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Papa

PAPA…

You are the best..

never took any rest

always worked for us

always loved us

you have been a friend to me since childhood

You are equally known for your brotherhood

How a soul can be so gentle

And at the same time so humble.

My love can not be penned down into words.

For you are beyond words..

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जो वो मेरी थी ❤️..

जो वो मेरी थी….❤️

जो वो मेरी आंखों की चमक थी,
तो मैं भी तो उसके आंखों का काजल था
जो वो जुल्फ थी
तो मैं भी तो उसके जुल्फों का बादल था
जो वो मेरी हंसी थी
तो मैं भी तो उसके गालों की लाली था।

जो वो मेरी हाथों की लकीर थी
तो मैं भी तो उसका कंगन था
जो वो मेरी संगीत थी
तो मैं भी तो उसकी कंगन का झंकार था।

जो वो मेरी रात थी
तो मैं भी तो उसका सुबह था
जो वो मेरी नींद थी
तो मैं भी तो उसका ख्वाब था।

जो वो मेरी रातों की करवट थी
तो मैं भी तो उसकी सुबह की आंगराई था
जो वो मेरी चाय थी
तो मैं भी तो उसका मिठास था।

जो वो मेरी हिम्मत थी
तो मैं भी तो उसका सहारा था
जो वो मेरी mona the
तो मैं भी तो उसका darling tha।

जो वो मेरी प्रेमिका थी
तो मैं भी तो उसका प्रेमी था
और जो वो सिर्फ मेरी थी
तो मैं भी तो सिर्फ उसका था।❤️

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बेटी का पिता

बहुत मुश्किल होता है

एक बेटी का पिता होना

वो सिखाता है उसे बचपन से ही

संस्कारों के साथ

स्वाभिमानी होकर जीना

जब जिस उम्र में घर बसाने के लिए

कर देते हैं कुछ परिवार अपनी बेटियों की शादी

उस वक्त वो पिता बसा रहा होता है

अपनी बेटी के भविष्य का सुंदर घर

जब लगा रहा होता है

समाज लांछन

उसकी बिनब्याही बेटी के घर से निकलने पर

तब अपनी बेटी के भविष्य के लिए

इकट्ठे कर रहा होता है चांद तारें

हजारों मुश्किलें झेलने पर भी

उस पिता की आंखों में

एक चमक होती है

जो स्वागत करेगी

अपने बच्चों की आने वाली खुशियों का

 

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वो पिता ही है

 

जिसके दौड़ने से घर का चूल्हा जलता है।
वो पिता ही है जिसके कारण घर चलता है।।
वो है तो, घर के आंगन की दोपहर भी सवेर है।
बिन उसके कहां ये दिन भी गुजरता है।।

वो पिता ही है………………(1)

समंदर मे बन चट्टान वो हर तूफान से लड़ता है।
बन नौका पतवार चीर लहरो को आगे बढता है।।
कितना भी हो दूर,

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माता-पिता के चरणों में…

सेवा का दूजा नाम नहीं
भगवान मेरे राम-रहीम!
पूजा मैं इंसानी करता हूँ
माँ-बाबा वरदान.. असीम!

बेहतर दूजा सम्मान नहीं
मात-पितु आशीष अभीष्ट!

आज ढलते नगमे गहरे हैं
जीवन न कल-कल ठहरे है
नियम सब बड़े इकहरे हैं
सफल आशीष के पहरे हैं!

बेहतर दूजा सम्मान नहीं
मात-पितु आशीष अभीष्ट!

मनुज-धर्म सनातन मिहिर
भक्ति-भाव मिटाये तिमिर
चरण-वंदना सर्वोपरि सशक्त
बैकुण्ठ इनमें बसे गहरे हैं!

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तुम्हारा मैसेज आया है

अलग सा मिजाज बन गया था आप बिन बिन में
हर पल को काटना मुश्किल था। बिन बिन अकेले में

मेरी मायूसी भी ऐसी छाई छाई है
हर तरफ मुझे अपनी ही नजर ही नजर आती है

अचानक यह खमोशी टूटती हैं
मेरे दिल में सन्नाटे की धारा टूटती हैं

दिल की खमोशी ने नया गीत गाया है
आज तुम्हारा मैसेज आया है

तेरा सुंदरी ऐसा जो दिख रहा बानी-ठानी में की
लाकडाउन में जगह मिल जाए गाड़ी में

तेरी आवाज से मेरा रोम रोम जाग उठा जैसे
तेरा बात करने से होइमुई जैसे

आज जीवन में फिर खुशियों का सूरज फिर खुशियों का सूरज आया है
हां हा जिंदगी तुम्हारा मैसेज आया है

पता है बसंत की पहली सुबह को को सुबह में पहली सुबह को कोतेल को लिख दिया गया है
“सृजन”

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