Posts tagged “women”

A Non-Character Fairy

A fairy who knows to fly, who know the levitation. But in this tale, I am not going to share some imaginary or innovative streams of ideas related to fairy tales. The concept of this story based on common issues. Let’s see forth.

This was my one of worst memory when I was in 2nd standard. This past was still is in my mind in concrete way. So, now imagine how worst it is.

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स्त्री

हमारे श्रृंगार को समझो ना हमारी कमजोरी
हमारी मर्यादा को समझो ना हमारी बेरी
हम ही वह है जो समुद्र लांघ गए हम ही वह है जो ही एवरेस्ट फतह कर गए
हम ही वह है जो आसमान को छू लिए ।
अगर हमारे त्याग की गाथा लिखो तो
तुम्हारी स्याही खत्म हो जाएगी
अगर हमारे बलिदान की कहानी पढ़ो तो
तुम्हारे पन्ने कभी खत्म ना हो पाएंगे
हम स्त्री हैं हम अपनों की खुशी और मर्यादा के लिए कुछ भी कर जाएंगे।।

अनामिका अमिताभ गौरव ✍️

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HORMONAL IMBALANCES

Hormonal Imbalances (Women) have become increasingly common with today’s fast-paced modern lifestyle.

Bloating fatigue, irritability, hair loss, palpitations, mood swings, problems with blood sugar, trouble concentrating, infertility these are just a few symptoms of hormone imbalance.

However nutritious diet and other healthy lifestyle behaviors may help in natural ways to balance your hormones.

 

  • Eat Enough Protein at Every Meal. 
    Consuming an adequate amount of protein is extremely important.
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औरत

एक औरत है तु, चुपचाप रहा कर ;

सब सहन करने की आदत डाल ले, औरत है तु;

खाना बाद में खाना पहले घर के पुरूष खायेंगे, क्योंकि औरत हैं तु;

यहाँ मत जा  वहाँ मत जा ;

ये मत कर ,वो मत कर ;

अपनी सीमा में रह , एक औरत है तु|

 

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स्त्री

आसान नहीं होता प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना,
क्योंकि उसे पसंद नहीं होती जी हुजूरी,
झुकती नहीं वो कभी
जबतक न हो
रिश्तों में प्रेम की भावना।
तुम्हारी हर हाँ में हाँ और न में न कहना वो नहीं जानती,
क्योंकि उसने सीखा ही नहीं झूठ की डोर में रिश्तों को बाँधना।
वो नहीं जानती स्वांग की चाशनी में डुबोकर अपनी बात मनवाना,
वो तो जानती है बेबाक़ी से सच बोल जाना।
फ़िज़ूल की बहस में पड़ना उसकी आदतों में शुमार नहीं,

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स्त्री और सांसों की गिनती
  • By हेमंत यादव
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  • Poetry
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कुछ स्त्रियां सांसे गिनती है
अपनी जिंदगी की
खौफ के सायें में
ख्वाबों को मारकर
हर रोज आसूंओं का
कड़वा जहर पीकर
झूठी मुस्कान की ओट लेकर
और संस्कारों की चादर में
घूट-घूट कर जीना
अगर जिंदगी है तो
इसे मैं जीना नहीं कहूंगी
सिर्फ सांसों की गिनती कहूंगी

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ओ स्त्री

ऐ स्त्री

जब तक तू

खामोश रहेगी

चुप रहेगी

सहती रहेगी

तब तक ये

दुनिया तेरे

प्रेम की

तेरे संस्कारों की

तेरे सम्मान, स्वाभिमान की

धज्जियां उड़ाती रहेगी

आग लगा दे इस

प्रेम को

पारंपरिक संस्कारों को

उन अपनों को

जिनकी खातिर तू

सब सहती हूं

उठ खड़ी हो लड़

सबके खिलाफ

कोई साथ नहीं देगा

तेरा लेकिन

तुझे भूलना होगा

तू कमजोर नहीं

सबकुछ सहने वाली नहीं

अबला नहीं सबला बन

खूद के लिए

अपने सम्मान के लिए

कुद जा अत्याचारों के

खिलाफ आग में

 

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जागो नारी

आया समय
अब तुम जागो नारी
एक नये युग का उत्थान करना है ।
आजादी की इस रास्ते पर
तुम्हें प्रगति का पत्थर भरना है

अपने को
असहाय न समझो
जननी हो तुम सम्पूर्ण जगत की,
गौरव हो तुम
अपनी विरासत की,
पहचान हो तुम इस स्वर्णिम युग की
तुम्हे एक नया आगाज
अपने कर्मो से रचना है ।

दुर्गा हो तुम
लक्ष्मी हो तुम
सरस्वती हो सीता हो तुम
सही राह
दिखलाने वाली
रामायण और गीता हो तुम
रूढ़िवादिता के बन्धन
तोड़कर तुम्हें आगे बढ़ना है ।

साहस ,

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कोरोना व नारी

कोरोना और नारी

कोरोनाकाल में पूरे देश में Lockdown है जारी,
मेरे जीवनकाल में कब तक रहेगा Lockdown पूछे ये नारी बेचारी?

घर पर रहना आज सबको बंधन सा लग रहा है,
ये बंधन तो नारी के जीवन में उम्रभर का है।

Social distancing के एक नियम का पालन तुम ना कर पाते हो,
नारी पर हजारों नियम- कायदे लगा कर उसे ज़ीने का ढ़ंग बतलाते हो।

Mask पहनने में जिसे हो रही दिक्कतें हजार,

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राजनीति करने वाले

सुख चैन सब हरने वाले , हिन्दू मुस्लिम करने वाले ।
थोड़ा तो गम खा ले बालक , बिन मौत के मरने वाले।
आग लगी है अपने ही घर में , घृत अर्पण करने वाले ।
मै गीता , तू कुरान को पढ ले , जुल्म अक्षम्य करने वाले।।
चेत समय पर मेरे भाई , सपा – बसपा करने वाले ।
धरा धरा पर रह जाएगा , तेरी मेरी करने वाले ।
देश की खातिर जी ले कुछ दिन ,

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